गौरैया और बन्दर - पंचतंत्र की कहानी | Gauraiya Aur Bandar - Panchtantra Story in Hindi

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गौरैया और बन्दर - पंचतंत्र की कहानी | Gauraiya Aur Bandar - Panchtantra Story in Hindi

बहुत समय पहले की बात है। एक घने जंगल में एक विशाल पीपल का पेड़ था। उसी पेड़ की एक डाल पर एक छोटी-सी गौरैया अपने घोंसले में रहती थी। गौरैया मेहनती, सजग और दूरदर्शी थी। उसने अपने रहने के लिए घोंसला बहुत ध्यान से बनाया था ताकि धूप, वर्षा और आँधी से सुरक्षित रह सके।

सर्दियों का समय था। ठंडी हवाएँ बह रही थीं। शाम ढलते ही आसमान में काले बादल छा गए और देखते ही देखते मूसलाधार वर्षा शुरू हो गई। पेड़ की डालियों पर बैठे सभी पक्षी अपने-अपने घोंसलों में दुबक गए। गौरैया भी अपने सुरक्षित घोंसले में बैठकर बारिश का आनंद लेने लगी।

उसी पेड़ के नीचे एक बन्दर शरण लिए बैठा था। उसका शरीर ठंड से काँप रहा था। तेज़ हवा और पानी की मार से वह बहुत व्याकुल था। न उसके पास कोई छत थी और न ही कोई आश्रय। गौरैया ने ऊपर से यह दृश्य देखा और बन्दर पर दया आ गई।

गौरैया ने धीरे से कहा—

“बन्दर भाई! तुम इतने बलवान और चतुर हो, फिर भी तुमने अपने लिए कोई घर क्यों नहीं बनाया? अगर तुम समय रहते एक झोपड़ी बना लेते, तो आज इस बरसात में तुम्हें इतनी परेशानी नहीं होती। देखो, मैंने अपने छोटे-से शरीर से घोंसला बनाया और अब मैं आराम से सुरक्षित हूँ। तुम्हें भी भविष्य के लिए तैयारी करनी चाहिए।”

गौरैया की बात सुनकर बन्दर का अहंकार जाग उठा। वह पहले ही ठंड और भीगने से चिढ़ा हुआ था। उसने गौरैया को घूरते हुए कहा—

“अरे छोटी चिड़िया! तू मुझे उपदेश देती है? अपनी चोंच से तिनके जोड़कर तू मुझे सिखाएगी कि कैसे रहना है? मैं तुझसे हज़ार गुना बड़ा और शक्तिशाली हूँ। जा, अपनी चहचहाहट बंद कर और मुझे तंग मत कर।”

गौरैया ने फिर भी विनम्रता से समझाया—

“बन्दर भाई, मैं तुम्हारा भला चाहती हूँ। आज अगर तुम मेहनत से एक घर बनाने की आदत डालोगे, तो जीवनभर सुरक्षित रहोगे। शक्ति तभी सार्थक है जब उसके साथ समझदारी भी हो।”

लेकिन बन्दर को यह सुनना अच्छा नहीं लगा। उसका क्रोध अब और बढ़ गया। उसने गुस्से में पेड़ पर चढ़कर गौरैया का घोंसला तोड़ डाला। गरीब गौरैया रोती हुई उड़ गई और भारी वर्षा में बेघर हो गई।

कहानी की सीख

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि उपदेश या सद्भावना की बातें हर किसी को पसंद नहीं आतीं, विशेषकर अहंकारी और अज्ञानी व्यक्ति को। बुद्धिमान और दूरदर्शी व्यक्ति कठिन परिस्थितियों से बचने के लिए पहले से तैयारी कर लेता है। वहीं, आलसी और घमंडी व्यक्ति अवसर खो देता है और संकट आने पर दूसरों की मदद या सलाह को भी नज़रअंदाज़ करता है।

सीख यह है कि समझदारी और दूरदृष्टि जीवन को सुरक्षित और सुखी बनाती है, जबकि अहंकार और आलस्य विनाश का कारण बनते हैं।

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