![]() |
| खटमल और बेचारी जूं – पंचतंत्र की कहानी | khatamal aur Bechari Jun – Panchatantra Story in Hindi |
बहुत समय पहले की बात है। एक भव्य राजमहल में एक मुलायम और सुगंधित शैय्या (बिस्तर) पर एक खटमल रहता था। राजा की नाजुक खाल में वह रोज़ रात को काटकर रक्त पीता और तृप्त हो जाता। चूंकि राजा का बिस्तर बहुत आरामदायक था, इसलिए खटमल वहीं सुखपूर्वक रहता था।
एक दिन अचानक वहाँ पर एक जूं आ पहुँची। वह भूखी और असहाय थी। राजमहल में उसे कोई स्थान नहीं मिला था। थक-हारकर वह उसी बिस्तर पर चढ़ गई जहाँ खटमल रहता था। जूं ने खटमल से प्रार्थना की –
“भाई! मैं बहुत गरीब और भूखी हूँ। कृपया मुझे भी इस सुगंधित बिस्तर पर रहने दो और थोड़े रक्त का स्वाद चखने दो।”
खटमल चालाक और अनुभवहीन नहीं था, वह जानता था कि राजा की नींद बहुत हल्की है और ज़रा सी गड़बड़ी पर वह तुरंत समझ जाएगा। उसने जूं को समझाते हुए कहा –
“देखो बहन! राजा की खाल बहुत कोमल है। यदि तुम उसे काटने की जल्दी करोगी तो वह तुरंत चौंक उठेगा और हम दोनों की खैर नहीं होगी। इसलिए धैर्य रखो। पहले उसे गहरी नींद में जाने दो, तभी काटना।”
लेकिन जूं अधीर थी। भूख से उसका सब्र टूट चुका था। जैसे ही राजा लेटा, उसने बिना सोचे-समझे उसकी कोमल त्वचा को काट लिया। राजा को चुभन महसूस हुई और वह तुरंत जाग गया। उसने आदेश दिया कि बिस्तर की पूरी तलाशी ली जाए।
सैनिकों ने बिस्तर की जाँच की तो सबसे पहले उन्हें खटमल दिखाई दिया। जूं तो डर के मारे छिप गई थी। खटमल को पकड़कर सैनिकों ने तुरंत मार डाला। इस तरह निर्दोष खटमल जूं की अधीरता का शिकार हो गया, जबकि जूं बच निकली।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अधीरता और हड़बड़ी हमेशा नुकसान पहुँचाती है। यदि हम धैर्य और समझदारी से काम लें तो सफलता और सुरक्षा दोनों मिलती हैं। दूसरों की गलती का बोझ कभी-कभी निर्दोषों को भी सहना पड़ता है। इसलिए कार्य करते समय सही समय और संयम का ध्यान रखना चाहिए।
इसे भी पढ़े:
